
अमेरिका चाहता है भारत उनसे ख़रीदे अनाज
अमेरिका चाहता है भारत उनसे ख़रीदे अनाज ,अमेरिका के चाहने पर भी भारत शायद ही अमेरिका से मक्का खरीद पाए।
अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने अभी हल फ़िलहाल ही भारत के वयापार नीतियों की आलोचना की है और प्रश्न उठाया है।
उन्होंने भारत के लगाए गए प्रतिबंधों पर भी प्रश्न उठाया है।
लुटनिक ने भारत में अमेरिकी उत्पादों को ब्लॉक करने का आरोपण लगाया था।उन्होंने भारत से ये अनुरोध किया है की भारत अपने कृषि बाजार को खोले।
अमेरिका चाहता है भारत उनसे ख़रीदे अनाज ,अमेरिका रेसिप्रोटोकल टेरीफ लगाने के लिए तैयार है
दो अप्रैल से अमेरिका रेसिप्रोटोकल टेरीफ लगाने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड वॉर में कृषि एक बड़ा मसला बनने जा रहा है।
बताए चले की टेरिफ दूसरे देशों से आने वाली वस्तुओ पर लगने वाला एक कर है। डोनाल्ड ट्रम्प ने बार बार भारत को टेरिफ किंग और यहाँ तक की वयापार सम्बन्धो का दुरूपयोग करने वाला बताया है।
पिछले कई वर्षो से अमेरिका भारत पर कृषि क्षेत्र में वयापार के लिए बाजार खोलने के लिए दबाओ बनता रहा है।
अमेरिका भारत को एक बहुत ही बड़े बाजार के रूप में देखता है
अमेरिका भारत को एक बहुत ही बड़े बाजार के रूप में देखता है। लेकिन भारत अपनी खाद्य सुरक्षा , किसानो के हिट और आजीविका का हवाला दे कर इससे किनारा करता रहा है।
जो देश किसी ज़माने में खद्यान की भरी कमी से जूझता था वो अब अनाज से लेकर कई तरह के फल तक एक्सपोर्ट करने में सक्षम हो चूका है।
बताते चलें की 1950 और 1960 के दशक में अपने नागरिको के लिए भारत खाद्यान के लिए विदेशी सहायता पर निर्भर था। लेकिन समय बदला और भारत ने इस तस्वीर उलट के रख दिया।
भारत को खाद्य के लिए किसी और देश पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं रही
अब भारत को खाद्य के लिए किसी और देश पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं रही। अब तो भारत दुनिया को खाद्य सामग्री देता है। और तो और भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया है। मुर्गी पालन में भी जबासूत वृद्धि हो रही है। बागवानी में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
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